अंग्रेजी का नया वर्ष आया
एक जनवरी को
शुभकामनाओं के कई हाथ मिले
कुछ हाथ ऐसे भी थे
जो शरीर और आत्मा में
भेद करना जानते थे
केवल औपचारिकता के संवाहक,
उन हाथों के लिये
जिनसे मिलकर
अन्तर्मन में प्रसन्नता प्रस्फुटित हुई
निश्चित ही
वे मेरे लिये शुभकामनाओं के हाथ थे,
मुझे उनसे भी
आज शिकायत नहीं
जिन्होंने औपचारिकता के बहाव में
अपने हाथ बढा दिए,
हर्ष और स्नेह के हाथ हों या
ईर्ष्या या द्वेष के
मैं चाहता हूं
सब हाथ मिलकर
एक मुटठी बन जायें
मेरे भारत के लिए।
------
मुसीबतें भी अलग अलग आकार की होती है
1 year ago
1 comment:
अच्छी कविता हे / पड़कर बहुत खुशी हुई / आप जो हिन्दी मे टाइप करने केलिए कौनसी टूल यूज़ करते हे...? रीसेंट्ली मे यूज़र फ्रेंड्ली इंडियन लॅंग्वेज टाइपिंग टूल केलिए सर्च कर रहा ता, तो मूज़े मिला " क्विलपॅड " / आप भी " क्विलपॅड " यूज़ करते हे क्या...? www.quillpad.in
Post a Comment