...कुछ कवितायें

परिचय

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भोपाल, मध्य प्रदेश, India

8.11.06

याद आते है वे दिन

पत्थरों की
उबड-खाबड गलियां
मिट्टी के घर
धूल से सने सामान
आधे-अधूरे फटे कपडे
टूटी छतरी
संधी चप्पल
खन्डहर स्कूल
छात्र-मित्र
निश्छल-भाव-
अभाव के दिन
याद आते है वे दिन्।

ताजा मठा
बासी रोटी
लाल मिर्च
कुटी प्याज
रोटी पर रखी-
लहसून की चटनी
मित्रों के साथ-
खाने के दिन
याद आते है वे दिन्।

स्कूल
छुट्टी की घंटी
खेत-खलिहान
तालाब का किनारा
हरी-हरी घास
चरवाई गायों की
ज्वार के भूट्टे के तौल
खरीदकर गाजर-
खाने के दिन
याद आते है वे दिन्।

गांव की चौपाल
गौफ़न, गोटी,
गिल्ली डन्डे के खेल
घर-घर की कहानी
मिट्टी के खिलौने
जामुन के दौने
गन्ने की चरखी
निकलता ताजा गुड-
खाने के दिन
याद आते है वे दिन।

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