बधाई नेताजी
प्रतिमा का अनावरण हो गया
भोपाल में पहला पुष्प
आपको अर्पण हो गया।
आपकी याद बाकी थी,
इतिश्री-
कर्णधारों का दर्पण हो गया।
आपका नारा
तुम मुझे खून दो
मैं तुम्हें आजादी दूंगा
आज मात्र बच्चों की किताब में पढाया जाता है
और कभी-कभी स्वार्थ की जुबान से दोहराया जाता है।
अच्छा हुआ आप नहीं हो
होते तो नारे की विक्रति देख बहुत पछताते।
आजाद भारत में
कोई किसी के लिये खून नहीं देता है
छोटी-सी बात पर
किसी का भी
खून ले लेता है,खून ले लेता है, खून ले लेता है।
मुसीबतें भी अलग अलग आकार की होती है
1 year ago
1 comment:
हिन्दी ब्लॉग मण्डल में आपका हार्दिक स्वागत् है। उम्मीद है कि आप इसी तरह निरन्तर लिखते रहेंगे।
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