उसने अभी-अभी
खुले आसमान के नीचे
एक खूबसूरत बच्चे को
जन्म दिया है।
जन्म देने की खुशी तक
पहुंचने के पहले ही
बच्चे की सुरक्षा
भारी चुनौती बन गई-
उसके लिये।
बस्ती के कुत्ते
अपनी क्रुरता के साथ
इकट्ठे हो
बच्चे पर झपटने लगे।
प्रसव-पीड़ा
और थकान के बावजूद
बच्चे को बचाने का
अथक प्रयास्।
कुदरत की बनाई दुनियां में
मां की ममता
और उत्पीड़ित मात्रत्व का
अनुपम - मजबूत प्रमाण-
पुजारीजी की गैय्या-
"गंगा"-
बड़ी कुशलता के साथ
प्रस्तुत कर रही थी।
ममत्व की परीक्षा में
आखिर वह उत्तीर्ण हो ही गई।
मुसीबतें भी अलग अलग आकार की होती है
1 year ago
1 comment:
भावों में गहराई है!
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