...कुछ कवितायें

परिचय

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भोपाल, मध्य प्रदेश, India

28.11.06

परीक्षा

उसने अभी-अभी
खुले आसमान के नीचे
एक खूबसूरत बच्चे को
जन्म दिया है।

जन्म देने की खुशी तक
पहुंचने के पहले ही
बच्चे की सुरक्षा
भारी चुनौती बन गई-
उसके लिये।

बस्ती के कुत्ते
अपनी क्रुरता के साथ
इकट्ठे हो
बच्चे पर झपटने लगे।

प्रसव-पीड़ा
और थकान के बावजूद
बच्चे को बचाने का
अथक प्रयास्।

कुदरत की बनाई दुनियां में
मां की ममता
और उत्पीड़ित मात्रत्व का
अनुपम - मजबूत प्रमाण-
पुजारीजी की गैय्या-
"गंगा"-
बड़ी कुशलता के साथ
प्रस्तुत कर रही थी।

ममत्व की परीक्षा में
आखिर वह उत्तीर्ण हो ही गई।

1 comment:

Udan Tashtari said...

भावों में गहराई है!

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