ट्वीट का
राजेश खन्ना स्टाईल का
बेल्ट वाला
वह पीला कोट्।
जिसे
पाने के लिये
नहीं पढने की जिद
और
खर्च के मिले
पैसे बचाने से लेकर
क्या नहीं किया था मैंने।
बिना पहने भी
कल्पना में
कई बार
शीशे के सामने
अपने को
कोट पहने देखा।
आज हंस रहा है मुझ पर
वह पीला कोट्।
आखिर
जिद में
पिताजी को हराकर
जीत ही गया मैं।
पैसों की तंगी के बाद भी
पिताजी ने
दिला ही दिया मुझे
वह पीला कोट्।
वह कोट
पाने तक
मेरे ज़हन में रहा
और पाने के
35 बरस बाद
आज भी है
मेरे ज़हन में।
मुझ पर हंसते हुए
मेरे ज़हन में
किसी और को
आने नहीं देता
मेरे ज़हन में
वह पीला कोट्।
मुसीबतें भी अलग अलग आकार की होती है
1 year ago
2 comments:
कई बार कोई चाहत इस बुरी कदर जीवन पर हावी हो जाती है कि पूरा हो जाने पर भी अपना अंदाज बनाये रखती है.
-बहुत खुब उकेरा है इस जज्बात को शब्दों में।
Respected Jijajee
mujhe "PILA COAT" rachana padhkar bahut HARSH hua aur Purani yaad taza hogai.
mere bhi favourate hero RAJESH KHANNA hai.
ARVIND RAWAL
DEWAS(M.P.)
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